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सुशांत सिंह राजपूत,मैं आपसे बोहोत नाराज हूँ .....

By Naren Narole

जीवन में, हम  सभी जब  किसी को देखते हैं, तो हमारी कुछ आदते होती है , हम हमेशा अनुमान लगाते हैं कि यह ऐसा है ,इसका  व्यवहार ऐसा होगा ,यह  ऐसे ही बात करेगा , इसे यह जम नहीं पायेगा ,यह ये  कर नहीं पायेगा या यह ये  हासिल नहीं कर पायेगा ,इसने ये करना चाहिऐ  या नहीं करना चाहिये या  यह  तो निश्चित रूप से  अलग है,यह थोड़ा होशियार भी लगता है (मन से तो  हम लोग  किसी को अपने से होशियार तो मानते ही नहीं  है), यह आगे चलकर एक बहुत बड़ा आदमी बनेगा और ऐसे  अनगिनत  सारे अनुमान । ..

जैसा की  ऊपर उल्लेख किया गया है, मेरी भी सभी की तरह एक आदत है, जैसे ही मैं किसी नये कलाकार की फिल्म या टेलीविज़न  धारावाहिक देखता हूँ  तो तुरंत ही उसके भविष्यके बारे मे अनुमान लगाकर , घर की मंडली  को बता देता हूँ , और यदि वह  आगे चल कर सच हो जाये तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहता। ऐसा  आप लोगो को भी होता होगा शायद।

पहली बार शाहरुख खान  की टेलीविज़न धारावाहिक, अक्षयकुमार , ऋतिक रोशन और रणविर सिंग की फिल्म  देखि  तो  घर की मण्डली को बोल दिया की ये आगे सुपरस्टार बनेंगे। आगे चल के शाहरुख खान ,अक्षयकुमार , ऋतिक रोशन सुपरस्टार बन गये और रणवीरसिंग बन जायेगा। जिनके बारे मे उल्टा  अनुमान लगाया उनके बारे मे लिखना गलत हो जायेगा, पर आप मेरी आदत समझ गये होंगे।

मैंने पहली बार सुशांत सिंह राजपूत को एक टेलीविज़न धारावाहिक  में मानव नामक भुमिका में देखा था ,और मेरी पहली भविष्यवाणी थी कि वह हमेशा टेलीविज़न धारावाहिक में दिखाई देंगे और उनकी पहलि धारावाहिक की नायिका से शादी करके एक सफल टेलीविज़न  अभिनेता के रूप में अपना जीवन व्यतीत करेंगे।

सुशांत को  मानव  की भुमिका में एक मासुम , सुंदर और संस्कारी लड़के की तरह  काफी सराहना मिलीं , परंतु  उन्होंने कुछही  दिनों में  मानव की भूमिका को छोड़कर  दूसरी टेलीविज़न धारावाहिक(डान्स रियलिटी शो ) में अपनी कमाल की शुरुआत करके मेरी पहली भविष्यवाणी को थोड़ा हिला  दिया। अब  मन  ही   मन  में मेरे अनुमान मे पच्चास प्रतिशत सुधार हो गया था।

पहली बार शाहरुख खान  की टेलीविज़न धारावाहिक, अक्षयकुमार , ऋतिक रोशन और रणविर सिंग की फिल्म  देखि  तो  घर की मण्डली को बोल दिया की ये आगे सुपरस्टार बनेंगे। आगे चल के शाहरुख खान ,अक्षयकुमार , ऋतिक रोशन सुपरस्टार बन गये और रणवीरसिंग बन जायेगा। जिनके बारे मे उल्टा  अनुमान लगाया उनके बारे मे लिखना गलत हो जायेगा, पर आप मेरी आदत समझ गये होंगे।

 

जैसे ही हमें सुशांत के बारे में और पता चला, उनकी एक्टिंग और डांसिंग स्किल्स, इंसान  से लेकर जानवरो  तक घुलमिल  जाने का  तरिका   ,इतने कम समय में उनकी अपार मेहनत और सफलता ने मेरे जैसे  अनेक  लोगो की आँखों को  आने वाले  कल के भावी सुपरस्टार में से एक का सपना दिखाया , और वह किसी से  ,किसी भी हुनर  मे कम नहीं थे।

सुशांत की अबतक की यात्रा ने यह विश्वास जगाया था की वो  कभी नहीं हारेंगे, वह अंत तक लड़ेंगे और कई लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।यही से  मेरा  दूसरा ,उनके बारे मे अनुमान का जन्म हुआ  था , वह यह  था  की  , उनके जीवन में जो भी उद्देश्य है  वह  उसे पुरा करेंगे  और कई नए लोगों के लिए एक मार्गदर्शक बनते हुऐ ,शाहरुखखान  की तरह ही , जिन्हे वो अपना गुरु मानते थे  सूपरस्टार बनकर दिखाएँगे ।

सुशांत सिंह राजपूत वास्तव में तेज बुद्धि, उत्कृष्ट अभिनय कौशल और विभिन्न कलात्मक गुणोंसे परिपूर्ण युवा अभिनेता हिँदी फिल्मीजगत को मिले थे ।यहाँ  मुझे भुतकाल मे लिखने का मन  नहीं  हो रहा है। लॉकडाउन के संथ गति से बहने वाले दिन अचानक सुशांत की मौत की खबर ने मन को अशांत कर दिया।  यह बहुत दुख की बात है कि वह इस तरह से चले  गये , वास्तव में यह विश्वास से परे है।

यहां सुशांत ने मेरे दूसरे  अनुमान  को भी  तोड़ दिया। कोई कितना भी कहे की ये ख़ुदकुशी है  ,कोई फर्क नहीं पड़ता , उसके प्रशंसकों हमेशा  यही लगता रहेगा  कि यह एक  सोची  समजी  साजिश के तहत कि गई  हत्या ही  है।

सुशांत को, अगर  कोई मानसिक बीमारी होती , तो यह उसके व्यवहार में परिलक्षित होता है, जैसा कि अक्सर  अवसादग्रस्त लोगों में देखा जा सकता है, जैसे कि  लोग अत्यधिक मात्रा में शराब या ड्रग्स का सेवन करते हैं, अजीब व्यवहार करते हैं, उनके पास कोई चेतना नहीं  होती है ,या अपने काम में वो अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान नहीं दे पाते है। लेकिन इससे पहले अबतक ऐसी कोई खबर नहीं मिली या  कभी कुछ गलत नहीं सुना गया था ।हा  उनको षडयंत्र में फ़सानेकी बाते अभी सामने आ रही है।

 सुशांत  छिछोरे  जैसी फ़िल्म मे नायक की भूमिका निभाते हुये दर्शकों को एक महान संदेश देते हे , कि  आपको  लड़ना चाहिये  हैं, अगर आप आज हार जाते हैं, तो यह अंत नहीं है ,और  सुशांत खुद ही  हार के ये दुनिया छोड़कर चले  जाते  है,इसबात पर कोई भी विश्वास नहीं कर सकता। यदि वह किसी कारण से स्वयं चले  गये  होते  तो कम से कम  कुछ लिखकर गए होते , क्योंकि वह उनके  जाने का कारण  तो बताते। जो सबूत सामने आए हैं और उनके साथियों का जिस तरह का व्यवहार है यह  एक रहस्य ही  है।

सुशांत में बहुत सारे अलग अलग काम करने की क्षमता थी और वित्तीय स्थिति एक बड़े व्यक्ति को शोभा दे ऐसे ही बनाई  थी। वह मानसिक रूप से बीमार है यह आत्मानुभूति उन्हें  खुद हुई या किसीने  उनके दिमाग मे डाली  यह भी शोध का  एक विषय है।  मानसिक  बीमारी  जैसी  समस्याओं का अनुभव हमारे आसपास के दोस्तों द्वारा किया जाता है और ऐसी समस्याएं अक्सर हमारी चर्चाओं का विषय भी  होती हैं, ऐसेमें कई बार हम दूसरों को सकारात्मकता के बारे में सलाह भी देते हैं। 

अधिकांश समय हम अपने अनुभवों की तुलना अपने दोस्तों के जीवन से करते हैं, हम सोचते हैं कि जैसा हमारे मित्रों को इस तरह के परेशानी से गुजरना पढ़ रहा है उसी तरह हम भी परेशान हो रहे है,जो की वास्तविकता में कुछ नहीं रहता है।  यह बोहोत बार ज्यादा सोचने से होता है जो की बुद्दिमत्ता की निशानी ही  होता है।  फिर हम मित्रसे सलाह लेते है और  उनके  सुझाए गए चिकित्सक के पास जाते हैं,इस आशा में  की हमें कुछ राहत मिल जायेगी  । डॉक्टर अपनी विशेषज्ञता के अनुसार मरीज का इलाज कर रहे  होते  है और मरीज अपनी मानसिक बिमारी  के कारण परेशान हो रहा होता है , जिसमें वह अपने दिमाग से ही  बहस करता है ।इस तरह की मानसिक बीमारियां नॉनस्ट्रगलर में होने की संभावना अधिक होती है लेकिन सुशांत नॉनस्ट्रगलर नहीं थे।

अगर सुशांत डिप्रेशन के शिकार  होते या मानसिक बीमारी से ग्रसित होते तो भी मुझे नहीं लगता कि सुशांत एक साल से भी कम समय में मानसिक बीमारी से या डिप्रेशन  से हार जायेंगे  और अगर मानसिक विकार है भी थो  उन कारणों को खत्म किए बिना ,दुनिया से अपने ख्वाबो को पूरा किये बगैर चले जायेंगे, यह बात गले से नहीं उतरती है।  

सुशांत हमेशा अपने विचारों को लिखा करते थे, यह उनकी आदत थी, फिर अपनी  परेशानीयो  के बारे में कुछ भी क्यों नहीं लिखा। बॉलीवुड में ज्यादातर लोगों को वित्तीय, वैचारिक या अन्य बुद्धिमत्ता को आउटसोर्स करना पड़ता है क्योंकि यह उनके काम का क्षेत्र नहीं है। सुशांत की बुद्धिमता के हिसाब से वो जरूर  परेशानियों के  कारण  लिखते और  बाकी लोगों को चेतावनी देते की आप इस तरह की परेशानियों से कैसे बचे ,पर ऐसा भी कुछ नहीं मिला , ये सभी विचार निराशाजनक हैं।

सुशांत की मौत से पहले  सिसीटीव्ही  का बंद होना ,कमरे  की डुप्लीकेट चाबी नहीं दिखाई देना , उनकी  गर्दन के ऊपर ख़ुदकुशी के निशान अलग होना ,उनकी आँखें या जीभ  का बाहर ना आना जो की  खुदखुशी मे  सामान्य बात होती  है , पुलिस  आने से पहले शव के मूल रूप से छेड़छाड़ करना , पुलिस का पोस्टमॉर्टम से पहले ही ख़ुदकुशी घोषित करना , उनकी  दिनचर्या के अनुसार जूस  पी कर दोपहर के भोजन के बारे में पूछना ,कमरे की और खुद उनकी लम्बाई का अनुपात लगाए बिना खुदखुशी घोषित करना।  अपने 50 से ज्यादा  सिम कार्ड को बदलना , वर्तमान प्रेमिका का संदेहजनक  व्यवहार  और वित्तीय मामलों में अपनी भागीदारी को छिपाना  मन मे   संदेह पैदा करता है।

जब भाई-भतीजावाद की बात आती है, तो यह सर्वव्यापी है, की कोई भी  अपने बेटे या बेटी की भविष्यनिर्माण मे मदद  करेगा हि ,लेकिन अपनो का भविष्य बनाने के लिए दुसरो का भविष्य  बिगड़ना यह अच्छी बात  नहीं है,और जो भी प्रतिभावान है वही आगे बढ़ता ही  है  यह जगजाहिर है|

 सफर थोड़ा मुश्किल होगा पर कामयाब वही होगा यह बात तो सुशांत भी जानता होगा।  उसके  व्यक्तित्व और गुणों को देखते हुए, सुशांत का  भाई-भतीजावाद या समूहवाद के कारण अपने  जीवन का अंत  करना संभव नहीं है। कुल मिलाकर, यह संभावना ही  नहीं है कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या करेंगे। यह एक सुनियोजित साजिश लगती है।

प्रशंसक या आम जनता चाहते हैं कि सीबीआई मामले की जांच करे, लेकिन जो लोग ऐसा कर सकते हैं, वे ऐसा नहीं सोचते। सवाल यह है कि अगर किसी राजनितिक  परिवार में ऐसा कुछ होता, तो क्या उन्हें लगता कि यह आत्महत्या है?,या  इसे  भी एक विपक्षी राजनीतिक समूह का काम माना जाएगा।

सत्तारूढ़ दल के लिए यह सर्वोपरि  है कि वह लोगों की भावनाओं को समझे और निर्णय ले। अंत में सत्ता स्थायी नहीं होती है , कोनसी बात गलत हो गई यह बाद में सोचने से अच्छा है की पहले ही अमल में लाई जाए ,  सत्ता में लानेवाली जनता वही  ही होती  हैं। कुछ लोगों की मृत्यु कुछ दिनों के लिए सिर में रहती है।लेकिन  सुशांत सिंह राजपूत  को अभी भी आंखे  तलाश कर रही  हैं।